8 साल का इंतजार अब खत्म होने वाला है! सरकार ने बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर लिया है
उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी आने वाली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य सरकार जल्द ही इनका मानदेय बढ़ाने का फैसला ले सकती है।
वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत डेढ़ लाख से अधिक शिक्षामित्रों को सिर्फ 10,000 रुपए के आस-पास मानदेय मिल रहा है। लेकिन अब इसका बड़ा इज़ाफ़ा करते हुए ₹25,000 प्रतिमाह तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
इसी तरह अनुदेशकों के मानदेय को ₹22,000 प्रतिमाह किया जा सकता है।
🔹 कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू होगा फैसला
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही यह निर्णय लागू किया जाएगा।
इस बढ़ोतरी के साथ शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को हर 3 वर्ष में वेतन वृद्धि का भी लाभ दिया जाएगा।
इसका अर्थ है कि जो शिक्षामित्र सालों से एक ही मानदेय पर सेवा दे रहे थे, अब उन्हें स्थायित्व और सम्मानजनक वेतन दोनों मिलने जा रहे हैं।
🔹 क्यों ज़रूरी थी यह बढ़ोतरी?
शिक्षामित्रों ने पिछले कई वर्षों से लगातार
- धरने,
- आंदोलन
- और सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर
सरकार से समायोजन और वेतन वृद्धि की मांग की थी।
लगातार 8 साल से उम्मीद लगाए बैठे शिक्षामित्र अब राहत की सांस ले सकते हैं।
यह निर्णय उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के साथ-साथ
शिक्षा व्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
📢 शिक्षामित्रों की भावनाएँ
“हमने वर्षों तक बच्चों को पढ़ाया, उम्मीद की कि सरकार हमें सम्मान देगी।
अब अगर ₹25,000 तक मानदेय मिलता है, तो यह हमारी मेहनत का उचित सम्मान होगा।”
– एक शिक्षामित्र, उत्तर प्रदेश
🔹 सरकार का दृष्टिकोण
शिक्षामित्र राज्य शिक्षा व्यवस्था का अहम हिस्सा हैं।
सरकार चाहती है कि उन्हें बेहतर मानदेय मिले ताकि
वे निश्चिंत होकर अपनी सेवाएँ दे सकें और बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करें।
📆 क्या है आगे की प्रक्रिया?
- प्रस्ताव तैयार — ✅
- कैबिनेट में प्रस्तुतिकरण — 🔜
- मंजूरी के बाद सरकारी आदेश — 🔜
- लागू होने पर भुगतान नई दर से — ✅
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